TCS क्या है? यह टाटा का इतना महत्वपूर्ण कंपनी क्यूँ है?

TCS भारत की प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय आईटी सेवा, परामर्श, व्यापार समाधान और आउटसोर्सिंग कंपनी है, यह संगुटिका टाटा ग्रुप का एक सहायक कंपनी है, जो विश्व की सबसे मूल्यवान आईटी सेवा ब्रांड है, और भारत की शीर्ष Big Tech कंपनी है,

वर्तमान में बाजार पूंजीकरण के हिसाब से रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के बाद टीसीएस भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, टीसीएस 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बाजार पूंजीकरण हासिल करने वाली पहली भारतीय आईटी टेक कंपनी रही है,

टीसीएस विभिन्न क्षेत्रों के व्यवसायों को सॉफ्टवेयर डेव्लपमेंट, सिस्टम एकीकरण, बुनियादी ढांचा प्रबंधन, परामर्श और बिजनेस प्रक्रिया आउटसोर्सिंग सहित सेवाओं का एक व्यापक सूट प्रदान करता है, इनके सेवाएँ व्यवसाय के सारे जरूरत को पूरा करते है, और सुरक्षित रूप से उन्हें सुव्यवस्थित और प्रबंधित करने में मदद प्रदान करता है। यह कंपनी आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड कम्प्यूटिंग, ब्लॉकचैन, साइबर सुरक्षा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे डिजिटल टेक्नोलोजियों में अपनी विशेषज्ञता रखता है, इसके साथ वह तकनीकी प्रगति में सबसे आगे रहने और व्यवसायों की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर भी भारी निवेश करता है, जिससे कंपनी नए नए सॉफ्टवेयर समाधानों का विकास करने में सक्षम हो पाता है,

विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के अनुरूप टीसीएस अपने सेवाओ, प्रॉडक्टों और प्लेटफॉर्मों को डिज़ाइन करता है।

50 वर्षों से अधिक समय से टीसीएस दुनियाभर के कई सारे व्यवसायों को सफलतापूर्वक अपनी आईटी सेवाएँ प्रदान कर रहा है, और वर्तमान में इसका परिचालन 53 से अधिक देशों में और 180 से अधिक स्थानों से संचालित हो रहा है। वर्तमान में टीसीएस भारत की अन्य टॉप आईटी सेवा कंपनियों Infosys, HCLTech, Wipro, Tech Mahindra और LTIMindtree को बाजार पूंजीकरण और राजस्व के मामले में पीछे छोड़कर शीर्ष पर बना हुआ है, और यह Accenture के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी है। 

TCS संक्षिप्त में-

TCS का मुख्यालय कहाँ है?

TCS का मुख्यालय महाराष्ट्र के मुंबई शहर में है, यही से टीसीएस अपने मुख्य व्यावसायिक संचालन को नियंत्रण करता है, कंपनी के कॉर्पोरेट और रजिस्टर्ड ऑफिस दोनों मुंबई में स्थित है, टीसीएस अपने व्यावसायिक गतिविधियों का प्रबंधन कॉर्पोरेट ऑफिस से करता है जबकि रजिस्टर्ड ऑफिस टीसीएस का आधिकारिक पता है, जिसे सरकारी खातों में पंजीकृत किया गया है, इसी पते पर सरकारी एजेंसियों, शेयरधारकों और अन्य हितधारकों कंपनी को आधिकारिक पत्राचार और नोटिस भेजते है, 

रजिस्टर्ड ऑफिस का पता-

कॉर्पोरेट ऑफिस का पता-

TCS की स्थापना कब हुई थी?

टीसीएस की स्थापना 1 अप्रैल 1968 को हुआ था, इसकी शुरुआत टाटा ग्रुप के मुंबई ऑफिस से हुआ था, व्यवसाय को शुरू करने और स्थापित करने के बाद 19 जनवरी 1995 को टीसीएस ने अपने व्यवसाय को सरकार से मान्यता दिलाई, जिससे उसका व्यवसाय आधिकारिक तौर पर कानून की नजर में एक निगम बन गया।

TCS की स्थापना किसने की थी?

जे. आर. डी. टाटा के अध्यक्षता और नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने टीसीएस की स्थापना की थी, वर्ष 1968 में टाटा समूह और टाटा संस के अध्यक्ष J.R.D. Tata के अनुरोध पर फकीर चंद कोहली ने TCS की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, और उस समय टीसीएस का दैनिक संचालन और प्रबंधन एफ़.सी कोहली ही कर रहे थे, फकीर चंद कोहली को “भारतीय आईटी उद्दोग के जनक” के रूप में जाना जाता है,  

TCS का पुराना नाम क्या है?

टीसीएस का पुराना नाम “टाटा कम्प्युटर सेंटर” है, प्रारम्भिक समय में टीसीएस का स्थापना टाटा ग्रुप के एक विभाग के रूप में हुआ था, जो उस दौरान अपने समूह के अन्य कंपनियों को कम्प्युटर सेवाएँ प्रदान करता था, उस समय इस डिवीजन का नाम “टाटा कम्प्युटर सेंटर” था, जिसे बाद में ‘टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस’ का नाम दिया गया, जो आज भी सक्रिय है।

TCS का पहला प्रॉडक्ट क्या है?

कंपनी की शुरुआत में जब टीसीएस का नाम “टाटा कम्प्युटर सेंटर” था, उस दौरान कंपनी पहला प्रॉडक्ट या सेवा, सहयोगी कंपनी टाटा स्टील (तब टिस्को) को पंच कार्ड सेवा प्रदान करना था, बाद में इसने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लिए वित्तीय लेनदेन और रिकॉर्ड समाधान सॉफ्टवेयर, अंतर-शाखा सुलह प्रणाली (IBRS) बनाने का काम किया, जो देश का पहला सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट था। इसने भारत सरकार की म्यूचुअल फ़ंड ‘यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ को पेरोल, लेखांकन, डेटा प्रोसेसिंग, दस्तावेज़ प्रबंधन और ग्राहक सहायता जैसे ब्यूरो सेवाएँ भी प्रदान की, इस तरह टीसीएस व्यवसाय आउटसोर्सिंग सेवाएँ प्रदान करने वाली पहली कंपनियों में से एक बन गई, टीसीएस का पहला अंतराष्ट्रीय प्रॉडक्ट या सेवा, बरोज़ कॉर्पोरेशन द्वारा निर्मित कंप्यूटर सिस्टम के लिए कोड लिखना था,

TCS किस प्रकार का कंपनी है?

टीसीएस एक पब्लिक कंपनी है, यह 25 अगस्त 2004 में भारतीय स्टॉक एक्स्चेंज में सूचीबद्ध हुआ था, और तब से यह प्राइवेट से सार्वजनिक (public) कंपनी बन गयी है, TCS नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज ऑफ इंडिया (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज (BSE) दोनों में सूचीबद्ध है, और इन दोनों एक्स्चेंज की सूचकांक SENSEX और NIFTY 50 की सूची में भी सूचीबद्ध है।

टीसीएस BSE पर 532540 और NSE पर TCS के प्रतीक या संक्षिप्त नाम से ट्रेड होता है।     

TCS का मालिक कौन है?

TCS का मालिक टाटा ग्रुप है, चूंकि टीसीएस एक पब्लिक कंपनी है, इसलिए इस कंपनी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी वाले निवेशक कई मामलों में इस कंपनी को नियंत्रण कर सकते है, हालांकि टीसीएस का मूल कंपनी टाटा ग्रुप है, और टाटा ग्रुप का मूल कंपनी टाटा सन्स है, यह टाटा संस एक होल्डिंग कंपनी है, जो टाटा ग्रुप की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी रखती है, और दिसंबर 2023 रिपोर्ट के अनुसार टाटा सन्स (Tata Sons Pvt. Ltd.) का TCS में सबसे ज्यादा 72.38% हिस्सेदारी है, इसी आधार पर हम कह सकते है की TCS का मालिक टाटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड और टाटा ग्रुप है।

TCS की हिस्सेदारी-

दिसंबर 2024 रिपोर्ट के अनुसार टीसीएस में प्रमॉटर समूह का सबसे ज्यादा 71.77 प्रतिशत हिस्सेदारी है, टीसीएस की हिस्सा नीचे इस प्रकार बंटा हुआ है-

दिसंबर 2024 रिपोर्ट के अनुसार टीसीएस के प्रमॉटर समूह के टाटा संस के पास TCS का 71.74 प्रतिशत हिस्सेदारी है, प्रमॉटर समूह में शामिल शेयरधारकों का हिस्सेदारी नीचे इस प्रकार है-

TCS का आय-

2023 में Fortune India 500 पत्रिका की सूची में टीसीएस 9वें स्थान पर था, और उसी वर्ष टीसीएस 42,147 करोड़ के साथ चौथा सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली भारतीय कंपनी बनी,

वर्ष 2021 में टीसीएस ने 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार पूंजीकरण हासिल किया और वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय आईटी टेक कंपनी बनी।

टीसीएस बाजार पूंजीकरण और राजस्व के आधार पर सबसे बड़ी भारतीय आईटी सेवा कंपनी है और 2020 तक टाटा ग्रुप के भीतर सबसे मूल्यवान कंपनी रही है, वित्तीय वर्ष 2016-17 में टाटा सन्स के कारोबारी के कुल कमाई का 70% से अधिक टीसीएस द्वारा उत्पन्न किए गए थे, 

कंपनी का आय इस प्रकार है-

नीचे कंपनी का आय, लाभ और नेटवर्थ भारतीय राशि में दिया गया है-

TCS का सीईओ कौन है?

टीसीएस का वर्तमान सीईओ के. कृतिवासन है, वह 1 जून 2023 से कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक (MD) का पद संभाल रहा है, कृतिवासन टीसीएस में 3 दशक से अधिक समय तक काम किया है, कंपनी के सीईओ बनने से पहले वह टीसीएस के बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) बिजनेस ग्रुप के वैश्विक प्रमुख रहे थे,

टीसीएस के वर्तमान सीईओ कृतिवासन के पास मद्रास विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और IIT Kanpur से इंडस्ट्रियल एंड मैनेजमेंट इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री है।

TCS के सीईओ की सैलरी कितनी है?

कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर टीसीएस अपने सीईओ के सैलरी को तय करता है, कंपनी अपने कार्यकारी निदेशक और प्रबंध निदेशकों को वेतन, लाभ, भत्ते, अनुलाभ और कमीशन द्वारा पारिश्रमिक का भुगतान करता है।

टीसीएस के पूर्व सीईओ और एमडी राजेश गोपीनाथ जिन्होंने हाल ही में (31 मई 2023) टीसीएस का पद छोड़ा है, वित्तीय वर्ष 2021-22 में टीसीएस ने सीईओ और एमडी राजेश को 1.5 करोड़ रुपये का सैलरी, 2.25 करोड़ रुपये का लाभ और भत्ता और 22 करोड़ रुपये का कुल कमीशन दिया था, कुल मिलाकर राजेश को 25.75 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला था।

TCS के पूर्व सीईओ-

टीसीएस के सीईओ की इतिहास में सबसे लंबा समयतक रहने वाले सीईओ सह-संस्थापक फकीर चंद कोहली है,एफ़.सी. कोहली 28 साल तक इस पद पर रहकर काम किया था।

TCS किस लिए प्रसिद्ध है?

टीसीएस भारत की शीर्ष आईटी सेवा कंपनी है, जो विश्व और एशिया में भी शीर्ष आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों की सूची में शुमार है, यह भारत में प्राइवेट कंपनी के रूप सबसे ज्यादा कर्मचारियों को रखने वाला कंपनी है, और भारत में (RIL के बाद) दूसरी सबसे ज्यादा बाजार पूंजी वाला कंपनी भी है,   

टीसीएस आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस, सॉफ्टवेयर डेव्लपमेंट, क्लाउड सेवाओं, डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचैन, साइबर सुरक्षा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सहित विभिन्न और नवीन टेक्नोलोजी क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है, कंपनी के विशेषज्ञों का उद्दोग-विशिष्ट चुनौतियों और आवश्यकताओं की समझ से यह बैंकिंग, स्वास्थ्य देखभाल, विनिर्माण, शिक्षा, दूरसंचार, जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग सहित विभिन्न उद्दोगों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीय समाधान प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है,

कुल मिलाकर TCS वैश्विक उपस्थिती, टेक्नोलोजी विशेषज्ञता, उद्दोग समाधान, ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएँ और समाधान प्रदान करने, सबसे ज्यादा कर्मचारियों को रखने और उनका प्रतिभा विकास पर ज़ोर देने और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक विकास जैसे क्षेत्रों में योगदान देने के लिए प्रसिद्ध है, 

TCS की रैंक क्या है?

TCS भारत का सबसे बड़ा आईटी सेवा कंपनी है, यह बाजार पूंजीकरण के हिसाब से Reliance Industries (16 लाख करोड़) के बाद दूसरी सबसे बड़ी भारतीय कंपनी है, जिसकी बाजार पूंजी 13.12 लाख करोड़ (2023 में) है,

2023 में सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाले भारतीय कंपनियों की सूची में रिलाइन्स इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफ़सी बैंक के बाद TCS चौथा स्थान पर रैंक कर रहा है।   

यह कंपनी विश्व भर की सबसे मूल्यवान आईटी सेवा ब्रांडों मेँ Accenture के बाद दूसरे स्थान पर है, और भारत की शीर्ष IT कम्पनियों की सूची रखने वाली पत्रिका Big Tech (India) की लिस्ट मेँ शीर्ष पर बने हुये है,

नवीनतम बिक्री और कुल राजस्व आंकड़ों के आधार पर संग्रह तैयार कर शीर्ष 500 भारतीय कंपनियों की रैंकिंग करने वाली पत्रिका Fortune India 500 में TCS ने 2023 में 9वें स्थान पर जगह बनाया है, इसके बाद 2022 में 10वें, 2021 में 7वें और 2020 में 8वें स्थान पर जगह बनाया था,

Forbes पत्रिका के अनुसार टीसीएस की रैंकिंग-

  • 2023 में विश्व की 2000 कंपनियों “Global 2000” की सूची में 386वां स्थान,
  • 2019 में विश्व की 100 डिजिटल कंपनियों “Top 100 Digital Companies” की सूची 38वां स्थान,
  • 2019 में विश्व की 250 कंपनियों में से सर्वश्रेष्ठ सम्मानित कंपनियों “Top Regarded Companies” की सूची में 22वां स्थान,
  • 2018 में सबसे ज्यादा नए स्नातक छात्रों को काम देने वाला कंपनियों “Best Employers for New Grads” की सूची में 133वां स्थान,
  • 2017 में विश्व के अलग-अलग देशों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कंपनियों “Top Multinational Performance” की सूची में 91वां स्थान,
  • 2017 में विश्व की सबसे ज्यादा काम देने वाला कंपनियों “World’s Best Employers” की सूची में 465वां स्थान,
  • 2016 में “World’s Most Innovative Companies” की रेंकिंग मेँ 66वां स्थान,

TCS के कर्मचारियों का रिकॉर्ड-

2023 में 6,15,338 कर्मचारी को काम पर रखने के साथ TCS दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा IT नियोक्ता है,

TCS कंपनी भारत में प्राइवेट सैक्टर के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है,

भारत में सबसे ज्यादा कर्मचारियों (employee) को रखने की लिस्ट में Indian Railway, Indian Army और India Post के बाद TCS चौथा स्थान पर आता है,

2008 में Infosys, Cognizant (अमेरिका), Wipro, Mahindra Satyam के बाद TCS अमेरिका से सबसे ज्यादा वीजा लेने वाले पाँचवी कंपनी थे,

2012 में टाटा ग्रुप की TCS सबसे ज्यादा H-B1 वीजा प्राप्त करने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी, 31 मार्च 2013 तक कंपनी में गैर भारतीय कर्मचारियों की प्रतिशत 7.7% थी, जिसकी संख्या 21,282 थी, वित्तीय वर्ष 2012-2013 में कर्मचारियों की कुल लागत 4.38 अमेरिकन डॉलर था, जो लगभग उस समय के लिए टीसीएस का कुल संपत्ति का 38% था, इसी वर्ष कंपनी ने कुल 69,728 नए कर्मचारियों की भर्ती की, जिनमें से 59,276 भारत में और बाकी 10,452 कर्मचारियों को देश से बाहर स्थित अपने कार्यालयों में भेज दिया गया था,

कर्मचारियों की संख्या रिकॉर्ड-

TCS का इतिहास-

प्रारम्भिक वर्ष 1968-1972

टीसीएस की शुरुआत वर्ष 1968 में Tata Group द्वारा एक डिवीजन के रूप में हुई थी, शुरुआत में इस कंपनी का नाम “टाटा कम्प्युटर सेंटर” था,

शुरुआत में “टाटा कम्प्युटर सेंटर” अपने समूह की अन्य कंपनियों सहित भारतीय कंपनियों के कम्प्युटर से संबन्धित कार्यों जैसे बैंक समाधान सेवाएँ, लेखांकन और पेरोल को संभालता था, इनके अनुबंधों के कार्य में जैसे सहयोगी कंपनी टिस्को को पंच कार्ड सेवाएँ देना, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया को ब्यूरो सेवाएँ प्रदान करना, और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लिए एक अंतर-शाखा सुलह प्रणाली पर काम करना इत्यादि।

धीरे-धीरे जब देश-दुनिया में कंप्यूटीकरण और कम्प्युटर से संभव होने वाले कार्य क्षमताएं उजागर होने लगा तभी टाटा समूह आईटी, टेक्नॉलोजी क्षेत्र में व्यापार करने के नए अवसर देखकर “टाटा कम्प्युटर सेंटर” ने “टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी” के एक इलेक्ट्रिक इंजीनियर फकीर चंद कोहली को जनरल मैनेजर बनाया, जिन्होंने इस नए डिवीजन के दैनिक संचालन और प्रबंधन के काम को संभाला,

इस फकीर चंद कोहली को “भारतीय आईटी के जनक” के रूप में भी जाना जाता है। बाद में टाटा समूह के इस डिविजन “टाटा कम्प्युटर सेंटर” को ‘टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस’ का नाम दिया गया।  

1971

इसी साल टीसीएस को ईरान के एक इलेक्ट्रिक कंपनी से भंडार और स्टॉक नियंत्रण प्रणाली बनाने का प्रोजेक्ट मिला, यह कंपनी का पहला विदेशी कांट्रैक्ट था।

1973

संयुक्त राज्य अमेरिका के Burroughs Corporation, भारत में अपने सिस्टम बेचने, सेवा प्रदान करने और विश्व भर में अपनी मशीनों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए टीसीएस के साथ साझेदारी किया।

1974

टीसीएस का पहला अंतराष्ट्रीय ऑर्डर 1974 में बरोज कार्पोरेशन से आया, (बरोज कार्पोरेशन व्यावसायिक कम्प्युटर निर्माताओं में से एक था,) टीसीएस को कई अमेरिकी-आधारित ग्राहकों के लिए बरोज मशीनों के लिए कोड लिखने का प्रोजेक्ट मिला,

Burroughs की ओर से TCS के लिए पहला पूर्ण सॉफ्टवेयर डेव्लपमेंट प्रोजेक्ट 1974 में यूनाइटेड किंगडम में हाउसिंग सोसाइटी के लिए वित्तीय लेखांकन समाधान प्रदान करना है।

इसी वर्ष टीसीएस ने Burroughs Medium System COBOL कम्प्युटर प्रोग्राममिंग लैड्ग्वेज को Burroughs Small System COBOL में बदलकर एक हॉस्पिटल लेखांकन सिस्टम का रूपान्तरण किया, हालांकि इस प्रोग्रामिंग भाषा को लिखने के लिए टीसीएस के पास जरूरी बरोज कम्प्युटर नहीं था, कंपनी ने इस हॉस्पिटल लेखांकन सिस्टम कोड लिखने के लिए अपने ICL1903 कम्प्युटर पर इन-हाउस टूल बनाया, और इस कम्प्युटर से प्रोजेक्ट को पूरा करके उसे अमेरिका भेज दिया, यह टीसीएस का पहला सॉफ्टवेयर निर्यात परिचालन था, इस प्रोजेक्ट को कंपनी ने अपने मुंबई ऑफिस ही में पूरा किया था,  

1975

टीसीएस ने 1975 में स्विस कंपनी SIS SegaInterSettle के लिए इलेक्ट्रोनिक डिपॉजिटरी और ट्रेडिंग सिस्टम SECOM को वितरित किया, और पोस्ट-ट्रेड वित्तीय सेवा कंपनी Canadian Depository for Securities Ltd. (CDS Ltd.) के लिए System X डेव्लप किया और अफ्रीका के सबसे बड़े स्टॉक एक्स्चेंज Johannesburg Stock Exchange Ltd. को स्वचालित किया।

1976   

इसी वर्ष तक TCS ने 1 मिलियन डॉलर का निर्यात राजस्व का आंकड़ा पार किया।

1978

इसी वर्ष Burroughs Computers से अलग होकर टीसीएस एक स्वतंत्र सॉफ्टवेयर इकाई बन गयी।  

1979 टीसीएस ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में मैनहट्टन नगर के पार्क एवेन्यू पर एक कार्यालय स्थापित किया, यह कंपनी का विदेश में पहला बिक्री कार्यालय था।

1980

आप इससे अंदाजा लगा सकते है कि इस दौरान यह कंपनी कितनी बड़ी कंपनी बन गयी थी, जब टीसीएस और उसके एक सहयोगी कंपनी का 1980 में भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के कुल निर्यात में 63% का हिस्सा था।   

1981

वर्ष 1981 में टीसीएस ने महाराष्ट्र के पुणे शहर में ‘टाटा रिसर्च डेव्लपमेंट एंड डिज़ाइन सेंटर (TRDDC) की स्थापना की, यह भारत का पहला समर्पित सॉफ्टवेयर अनुसंधान और विकास केंद्र (R&D) है,

1983

स्विस नेशनल बैंक (SNB) से टीसीएस को अब तक का पहला और सबसे बड़ा अपतटीय प्रोजेक्ट हासिल हुआ।

इसी साल टीसीएस ने एक कोर बैंकिंग सॉफ्टवेयर सूट लॉंच किया, जो खुदरा बैंकों द्वारा उपयोग के लिए विकसित किया गया है।

1984

इसी वर्ष टीसीएस ने मुंबई के विशेष आर्थिक क्षेत्र Santacruz Electronics Export Processing Zone (SEEPZ) में अपना एक कार्यालय स्थापित किया।

1987

अमेरिका से IBM 3090 mainframe को भारत लाने के बाद टीसीएस ने 1987 तक इसकी स्थापना की, और चेन्नई में एक IBM mainframe Center of Excellence की स्थापना की, इससे टीसीएस को कमर्शियल डेटाबेस, लेनदेन सर्वर और एप्लिकेशनों को होस्ट करने इत्यादि जैसे मेनफ्रेम व्यवसाय में काम करने के कई अवसर मिले, जिससे टीसीएस कई वर्षों तक भारत में सबसे बड़ी मेनफ्रेम साइट बन गयी।

1989 टीसीएस दुनिया की पहली वास्तविक समय प्रतिभूत समाशोधन और निपटान प्रणाली को डिज़ाइन, निर्माण और कार्यान्वित करने के लिए टीसीएस ने Swiss Securities Clearing Corporation के साथ 10 मिलियन के समझौते पर हस्ताक्षर किया।

1992

1992 में नव निर्मित भारतीय स्टॉक एक्स्चेंज NSE के लिए TCS कोर बैंकिंग प्लैटफॉर्म स्थापित किया।

1996

22 वर्षों तक टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष (CEO) के रूप में अपनी सेवा देने के बाद वर्ष 1996 में फकीर चंद कोहली इस पद से सेवानिवृत हो गए, और Subramaniyam Ramadorai ने सीईओ और प्रबंध निदेशक का पद संभाला और पाँच महीने से भी कम समय में भारत में पहलीइलेक्ट्रोनिक डिपॉजिटरी, नेशनल सेक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के लिए मुख्य प्लैटफॉर्म तैयार किया गया।   

1997 टीसीएस ने Y2K bug में सुधार करने और एकीकृत यूरोपियन मुद्रा (Euro) के लॉंच के लिए अपना पहला सॉफ्टवेयर फैक्ट्री TCS Ambattur की स्थापना करता है और उसमें सॉफ्टवेयर टूल विकसित करता है, जो रूपान्तरण प्रक्रिया को स्वचालित करता था, इस स्वचालित टूल का लाभ उठाकर टीसीएस ने कोड की लगभग 700 मिलियन लाइनों को सुधार करके Y2K बग को हल किया।

1999

1999 से कंपनी ने अपना साम्राज्य स्थापित करने की सोच को साकार करने के लिए तीन प्रकार का रणनीति का खूब प्रयोग किया किया, जिसमें कंपनी ने खूब पैसा कमाने वाले नए उत्पादों का विकास को शुरू किया, अन्य तेजी से प्रगति करने वाले बाज़ारों पर कब्जा जमाया और दूसरी कंपनियों के विलय व अधिग्रहण से अपना आकार बढ़ाना शुरू किया।

1999 में ही TCS ने अपनी पहली टैगलाइन या नारा “Beyond the Obvious” को पंजीकृत किया।

2000

इसी वर्ष में टीसीएस ने इलेक्ट्रोनिक व्यवसाय (E Business) पर खासा ध्यान देकर मुंबई में अपना एक ebusiness डिवीजन को स्थापित किया, जो सिर्फ अगले पाँच साल के भीतर 500 मिलियन डॉलर तक बढ़ गया। 

इसी साल के अंत में टीसीएस ने अपने Corporate Vice President and Transformation Head सूब्बू अय्यर की देखरेख में निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) को घरेलू बाजार में उतारने की निर्णय लिया।

2001

टीसीएस ने अगस्त 2001 को हंगरी के बुडापेस्ट में एक अपतटीय विकास केंद्र स्थापित किया, जिससे कंपनी के 2001 तक अपतटीय विकास केन्द्रों की संख्या 24 हो गयी थी।  

2002

टीसीएस ने अपनी एक कंपनी व्यापी ERP प्रणाली Ultimatix लॉंच किया, जो मुख्य व्यावसायिक प्रक्रियाओं का एकीकृत प्रबंधन सॉफ्टवेयर है।

TCS ने इसी वर्ष स्वास्थ्य देखभाल कंपनी GE Medical System के साथ अपना पहला 100 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किया, यह अनुबंधन इस समय का भारत का सबसे बड़ा आईटी सेवा सौदा था।

टीसीएस ने अपने वैश्विक नेटवर्क डेलीवरी मॉडल (GNDM) का विस्तार करते हुये चीन और उरुग्वे में विकास केंद्र स्थापित किया।

2003

टीसीएस ने 2003 में वार्षिक राजस्व में 1 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया, यह उपलब्धि हासिल करने वाला टीसीएस भारत की पहली आईटी सेवा कंपनी बनी,

2004

इसी साल टीसीएस ने NSE और BSE पर आश्चर्यजनक रूप से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सबसे बड़े IPO की पेशकश की, 25 अगस्त 2004 में भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद टीसीएस प्राइवेट से पब्लिक कंपनी बन गयी, और जल्द ही तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बन गयी।

2005

5 साल बाद 2005 में टीसीएस ने अपनी टैगलाइन “Beyond The Obvious” को बदलकर “Experience Certainty” कर दिया। 

इसी वर्ष टीसीएस पहली बार जैव सूचना विज्ञान (bioinformatics) बाजार में प्रवेश किया, इससे टीसीएस इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय आईटी सेवा कंपनी बन गयी।  

टीसीएस ने बीमा बैक-ऑफिस लेनदेन प्रसंस्करण सेवाएँ प्रदान करने के लिए लंदन, इंग्लैंड स्थित बीमा सेवा प्रदान करने वाली Pearl Group (अब Phoenix Group) की 847 मिलियन डॉलर की सौदे पर हस्ताक्षर किया।

2006

टीसीएस ने 2006 में भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) के लिए एक उद्दम संसाधन योजना (ERP) प्रणाली डिज़ाइन की।

स्टार्ट-अप इको सिस्टम में आनेवाले बाधाओं के चुनौतियों को हल करने के लिए टीसीएस ने स्टार्ट-अप, शिक्षाविदों, अनुसंधान और कॉर्पोरेट जगत के ग्राहकों के लिए को-इनोवेशन नेटवर्क (COIN) लॉंच किया। आज इस नेटवर्क में यूएसए, इज़राइल, कनाडा, भारत और यूरोप के 2,500 से अधिक स्टार्ट-अप और 50 से अधिक विश्वविद्दालय भागीदार है।  

टीसीएस यूरोप में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने और अपनी वित्तीय सेवा प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए अपने स्विस पार्टनर TKS-Teknosoft में 80 मिलियन डॉलर में अपनी हिस्सेदार बढ़ाकर 75% कर ली।

2007

2007-08 में टीसीएस ने 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व अर्जित कर लिया और उसमें से कंपनी का शुद्ध आय 1.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

टीसीएस ने अमेरिका स्थित सूचना और मीडिया कंपनी Nielsen Company के 10 साल के सौदे में 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आउटसोर्सिंग अनुबंधन पर हस्ताक्षर किया।

2008

इसी वर्ष टीसीएस ने पासपोर्ट ऑटोमेशन प्रोजेक्ट के लिए नयी दिल्ली में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) के साथ मास्टर सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किया।

31 दिसंबर 2008 को टीसीएस ने 512 मिलियन डॉलर में भारत के एक वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी Citigroup Inc, का अधिग्रहण कर लिया।  

2008 तक, टीसीएस अपनी E-business व्यवसाय के माध्यम से 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक वार्षिक राजस्व का आंकड़ा को छुने लगा।

2009

13 वर्षों तक टीसीएस का नेतृत्व करने के बाद 2009 में एस रामदोराई सेवानिवृत हो गए, और उसका स्थान लेते हुए नटराजन चन्द्रशेखरन टीसीएस के नए सीईओ और एमडी बन गए।

जीवन बीमा कंपनियों को सेवाएँ प्रदान करने के लिए क्लाउड-आधारित व्यवसाय मॉडल की पेशकश करने के मामले में टीसीएस यूनाइटेड किंगडम में नंबर 1 पोजिसन पर है।  

2010

कंपनी का 2009 की राजस्व, लाभप्रदता, और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से टीसीएस को 2010 में विश्व की शीर्ष 10 आईटी कंपनियों की लिस्ट ‘Top 10 by 2010’ में स्थान हासिल हुआ।

2011

इसी वर्ष टीसीएस ने अपनी एक रणनीतिक इकाई iON को लॉंच किया, यह इकाई विनिर्माण, मानव पूंजी प्रबंधन, शैक्षणिक संस्थानों और परीक्षा बोर्डों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में छोटे और मध्यम उद्दम व्यवसायों की बदलती व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने वाले क्लाउड आधारित समाधान प्रदान करता है।

2012

टीसीएस ने वित्तीय वर्ष 2011-12 में पहली बार 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का वार्षिक राजस्व हासिल किया।

2013

2013 में टीसीएस शीर्ष 10 वैश्विक आईटी सेवा कंपनियों की लिस्ट में 13वें स्थान से 10वें स्थान पार आ गई।

सम्पूर्ण आईटी आधुनिकीकरण से प्रभावी तरीके से अधिक ग्राहकों को अधिक सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम करने के लिए भारतीय डाक विभाग (DoP) ने टीसीएस से 11 बिलियन से अधिक में छह साल का अनुबंधन किया।

2014

2014 में टीसीएस ने दुनिया की सबसे बड़ी मैराथन न्यूयॉर्क मैराथन को प्रायोजित किया, ऐसा करने वाली टीसीएस पहली भारतीय कंपनी बन गई।

जुलाई 2014 में टीसीएस देश की पहली कंपनी बनी जिसकी बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ रुपया हो गया, इस उपलब्धि को हासिल करने वाली टीसीएस देश की पहली और दुनिया की दूसरी (IBM के बाद) सबसे मूल्यवान आईटी सेवा कंपनी बन गयी। 

इस वर्ष टीसीएस ने फ़्रांस की आईटी सेवा कंपनी ALTI SA का 75 मिलियन यूरो में अधिग्रहण किया और अप्रैल 2014 में जापान के Mitsubishi Corporation और TCS दोनों के कुल तीन आईटी शाखा के विलय के माध्यम से जापान में एक नई आईटी सेवा कंपनी स्थापित करने के लिए समझौता हुआ और कंपनी ने सऊदी अरब के राजधानी रियाद में सऊदी अरब के पहली पूर्ण महिला BPO केंद्र खोला।  

एंटरप्राइज़ आईटी इनफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम में समस्याओं को स्वचालित और स्वायत्त रूप से सीखाने और उनका समाधान करने के लिए टीसीएस ने एक संज्ञानत्मक स्वचलान प्रॉडक्ट ignio TM लॉंच किया।

2015

23 साल से भारत की सबसे अधिक लाभदायक कंपनी के रूप में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के रिकॉर्ड को जनवरी 2015 में टीसीएस ने तोड़ दिया।   

2017

अपना पहला एकीकृत स्टोर कॉमर्स प्लैटफॉर्म और प्रॉडक्ट TCS OmniStore के जरिये खुदरा विक्रेताओं को समाधान देने के लिए जनवरी 2017 में टीसीएस ने भुगतान टेक्नोलोजी कंपनी Aurus के साथ साझेदारी की घोषणा की। इसी वर्ष टीसीएस ने चाइना में अपनी सेवाएँ देने के लिए चीनी सरकार के साथ एक संयुक्त उद्दम के रूप में जुड़ा था। व्यापारों को डिजिटल रूप में सक्षम बनाने और उनका लाभ उठाने में मदद करने के लिए टीसीएस ने Business 4.0 लॉंच किया, यह प्लेटफॉर्म क्लाउड, एजाइल, इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन जैसे टेक्नोलोजी का उपयोग करता है,

2018

मार्च 2018 में, टाटा संस ने थोक सौदे में टीसीएस के 1.5% हिस्सेदारी लगभग 8,500 करोड़ में बेचे।

2020

8 अक्तूबर 2020 को, 144.73 बिलियन डॉलर की अपनी बाजार पूंजीकरण के साथ आयरलैंड-आधारित आईटी सेवा कंपनी Accenture plc को पीछे छोड़ते हुए TCS दुनिया की सबसे मूल्यवान आईटी सेवा कंपनी बन गयी।

2021

25 जनवरी 2020 को 170 बिलियन डॉलर की बाजार पूंजीकरण के साथ टीसीएस ने अपने प्रतिद्वंदी Accenture plc को एक बार फिर से कुछ समय के लिए पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे मूल्यवान आईटी कंपनी बन गया, और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को भी बाजार पूंजी (market cap.) में पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे मूल्यवान कंपनी बन गया था।

2021 में टीसीएस के मुख्य विपणन अधिकारी (CMO) के नेतृत्व में कंपनी ने 15 साल बाद अपने टैगलाइन “Experience Certainly” को “Building on Belief” में बदल दिया।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने मई 2021 में TCS को लिथुआनिया देश के Neurotechnology के साथ आधार डिजिटल आईडी कार्यक्रम के लिए बायोमेट्रिक तकनीक प्रदान करने के लिए चुना गया था। 

2022

ब्रांड फाइनेंस द्वारा टीसीएस को आयरलैंड के Accenture plc के बाद दूसरा सबसे मूल्यवान वैश्विक आईटी सेवा ब्रांड नामित किया गया।

TCS क्या काम करता है? क्या बनाता है?

टीसीएस सभी प्रकार के व्यक्तियों, संगठनों और उद्दमों के व्यावसायिक संचालन को स्वचालित, अनुकूलित और सुरक्षित रूप से प्रबंधित करने के लिए एनालिटिक्स, आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग और अत्याधुनिक टेक्नोलोजियों से लेस सॉफ्टवेयर, प्रॉडक्ट और प्लेटफॉर्म बनाता है, और व्यवसाय में आनेवाले बाधाओं का विश्लेषण कर अपनी विशेषज्ञता के आधार पर आईटी परामर्श सहायता भी प्रदान देता है।

यह ऊर्जा, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, विनिर्माण, केमिकल, इंजीनियरिंग, सरकार, सामग्री और स्वास्थ्य सेवा जैसे कई और क्षेत्रों के व्यक्तियों, संगठनों और उद्दमियों के व्यावसायिक प्रक्रियाओं को व्यवस्थित और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए अपनी डिजिटल टेक्नोलोजी सेवा प्रदान करता है,

TCS के सेवाएँ-

टीसीएस के सेवाओं में से कुछ निम्नलिखित है-

Cognitive Business Operation – संगठनों के विभिन्न व्यावसायिक संचालन को सुव्यवस्थित करने, कार्यक्षमता में सुधार करने और बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने के लिए टीसीएस Cognitive Business Operation सेवा प्रदान करता है, इसमें आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, एनालिटिक्स, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) और रोबोटिक्स जैसे एडवांस्ड संज्ञानात्मक टेक्नोलोजियों के उपयोग से विभिन्न व्यावसायिक प्रक्रियाओं को स्वचालित किया जाता है। इसमें आपूर्ति शृंखला, ग्राहक सेवा, मानव संसाधन (HR), वित्त और अन्य बहुत कुछ सहित विभिन्न उद्दोगों को कई सारे व्यवसाय संबन्धित एप्लिकेशन उपलब्ध कराये जाते है, इन एप्लिकेशनों से व्यवसायों अपने नियमित कार्यों को स्वचालित कर सकता है, डेटा-संचालित निर्णय ले सकता है और वास्तविक समय में प्रक्रियाओं को अनुकूलित भी कर सकता है।

IoT and Digital Engineering – आज के समय में तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में आगे रहने, नए अवसरों को अनलॉक करने और परिचालन को सुव्यवसथित करने के लिए टीसीएस संगठनों को उभरती टेक्नोलोजी का लाभ उठाने में मदद के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल इंजीनियरिंग सेवाएँ प्रदान करता है,             

किसी मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकताओं के बिना, इंटरनेट पर एक दूसरे के साथ डेटा इकट्ठा करने और उसका आदान-प्रदान करने के साथ संग्रहीत-डेटा के आधार पर उपकरणों को स्वचालित रूप से निर्णय लेने में सक्षम बनाने में मदद के लिए टीसीएस IoT सेवाएँ प्रदान करता है।

आसान शब्दों में, IoT उपकरणों में सेंसर और ऐसे-ऐसे टेकनीक जुड़ा हुआ रहता है, जिससे डिवाइस अपने आप चालू या बंद होता है या डेटा के आधार पर खुद-ब-खुद निर्णय लेता है और उस पर अमल करता है, IoT डिवाइस का उदाहरण है, जैसे स्मार्ट थर्मोस्टेट, स्मार्ट लॉक, स्मार्ट लाइट और स्मार्ट डिवाइस इत्यादि।

IoT का उपयोग से निगरानी, नियंत्रण, स्वचालन और विश्लेषण जैसे विभिन्न उद्देश्यों में संगठनों को उत्पादकता और निर्णय लेने में सुधार करने में मदद मिलती है,      

स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण, स्मार्ट सिटी, कृषि, परिवहन सहित कई और क्षेत्रों के ग्राहकों को TCS अपनी IoT सेवाएँ प्रदान करता है।

Digital Engineering-में टीसीएस आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस (AI), एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और क्लाउड कम्प्यूटिंग जैसे एडवांस्ड डिजिटल टेक्नोलोजियों का उपयोग करके प्रॉडक्टों, सेवाओं और प्रक्रियाओं को डिज़ाइन, डेव्लप और अनुकूलित करता है,

डिजिटल इंजीनियरिंग सेवा में TCS सॉफ्टवेयर डेव्लपमेंट से लेकर हार्डवेयर डिज़ाइन सहित इंजीनियरिंग सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करती है, इसमें कंपनियों को डिजिटल उपकरणों और तकनीकों का उपयोग से प्रॉडक्ट की कॉन्सैप्ट और डिज़ाइन से लेकर मैन्युफेक्चरिंग और उसका रखरखाव तक की सुविधाएं मिलती है,

इस सेवा से विनिर्माण कंपनियों को प्रॉडक्ट के विकास प्रक्रिया के दौरान डिजिटल सहयोग उपकरण इंजीनियरों, डिजाइनरों और आपूर्तिकर्ताओं को दूर से सहयोग करने और वास्तविक समय में जानकारी साझा करने, निर्णय लेने में तेजी लाने और बाजार में समय कम करने में सक्षम बनते है।

Network Solutions and Services- टीसीएस व्यवसायों की उनकी नेटवर्किंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक नेटवर्क व्यापक समाधान ‘नेटवर्क सोल्युशंस एंड सर्विसेस’ प्रदान करता है, जिससे व्यवसायों को अपनी नेटवर्किंग के विभिन्न कार्यों जैसे नेटवर्क बुनियादी ढांचे की निर्माण करना, उसे तैनात और कॉन्फ़िगर करना, अनुकूलित करना और उसका प्रबंधन करने में मदद मिलती है, इस सेवा से टीसीएस व्यवसायों को मजबूत, सुरक्षित और विश्वसनीय नेटवर्क बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में मदद करता है, जिससे व्यवसायों अपने सुचारु संचालन को सुनिश्चित कर प्रभावी ढंग से व्यावसायिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम हो पता है।

Cloud – टीसीएस अपने ग्राहकों को सर्वर, स्टोरेज, नेटवर्किंग, कम्प्यूटिंग शक्ति और अन्य बुनियादी ढांचे के घटकों वाले बड़े डेटा केन्द्रों का रखरखाव सेवा प्रदान करता है, जिसमें ग्राहक अपने व्यक्तिगत डिवाइसों या स्थानीय सर्वर पर निर्भर होने के बजाय इंटरनेट कनैक्शन के साथ कहीं से भी अपने एप्लिकेशन और डेटा तक पहुँच सकते है।

ग्राहकों को उनकी अपनी स्वयं की ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लिकेशन और डेटा को तैनात और प्रबंधित करने के लिए TCS क्लाउड-आधारित IaaS (एक सेवा के रूप में बुनियादी ढाँचा) सेवा प्रदान करता है, जिसमें टीसीएस इंटरनेट पर वर्चुअल मशीन, स्टोरेज और नेटवर्किंग सहित वर्चुअलाइज्ड कम्प्यूटिंग संसाधन प्रदान करते है।

डेव्लपमेंट टूल्स, डेटाबेस, मिडलवेयर और एप्लिकेशन डेव्लपमेंट और तैनाती के लिए आवश्यक अन्य सेवाएं देने के लिए TCS क्लाउड-आधारित PaaS (एक सेवा के रूप में प्लेटफॉर्म) सेवा प्रदान करता है, जिसमें टीसीएस डेवलपर्स को एप्लिकेशन बनाने, तैनात करने और प्रबंधित करने के लिए एक प्लेटफॉर्म और वातावरण प्रदान करता है,

सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन होस्ट करने, सॉफ्टवेयर अपडेट, सुरक्षा और बुनियादी ढाँचा प्रबंधन जैसे कार्यों के लिए टीसीएस अपने ग्राहकों को क्लाउड-आधारित SaaS (एक सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर) सेवा प्रदान करता है, इस सेवा से ग्राहकों को एप्लिकेशन को स्वयं की डिवाइस पर इन्स्टॉलेशन या रखरखाव की आवश्यकता समाप्त हो जाती है,

Consulting – टीसीएस अपनी विशेषज्ञता के आधार पर संगठनों को जटिल व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने और उनके रणनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए परामर्श सेवा प्रदान करती है।

टीसीएस आईटी रणनीति, डिजिटल रणनीति, व्यवसाय प्रक्रिया अनुकूलन, संगठनात्मक परिवर्तन प्रबंधन और आधुनिक टेक्नोलोजियों को अपनाने जैसे क्षेत्रों में ग्राहकों को परामर्श सेवाएँ प्रदान करता है।    टीसीएस की परामर्श सेवाओं से संगठनों, व्यक्तियों और उद्दमों नयी पीढ़ी की ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने और तेजी से विकसित हो रहे व्यावसायिक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलती है। 

Cybersecurity – साइबर सुरक्षा सेवा में टीसीएस संगठनों को उनकी डिजिटल सम्पत्तियों की सुरक्षा, जोखिमों को कम करने और नियामक अनुपालन सुनिश्चित करने में मदद करता है।

कम्प्युटर, नेटवर्क और डेटा को अनधिकृत पहुँच, चोरी या क्षति से बचाने के लिए, साइबर हमलों को रोकने, खतरों का पता लगाने और सुरक्षा घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए TCS उपकरणों, तकनीकों और सर्वोत्तम प्रैक्टिसों का उपयोग करता है,

साइबर सुरक्षा सेवा से संगठन अपनी डिजिटल दुनिया से हैकर्स और साइबर अपराधियों को दूर रखने में मदद मिलती है।

Data and Analytics – टीसीएस व्यवसायों को व्यवसाय संचालन में सुधार करने, ग्राहकों को बेहतर ढंग से समझने और भविष्य के रुझानों की जानकारी के लिए डेटा और एनालिटिक्स सेवा प्रदान करता है, इसमें ग्राहकों के वर्तमान या ऐतिहासिक कच्चे डेटा को जांच और विश्लेषण किया जाता है, जिससे संगठनों को पैटर्न, रुझान, सहसबंध और बाधाओं को पहचानने में मदद मिलती है, और डेटा विश्लेषण के आधार पर वह भविष्य में सक्रिय निर्णय लेने में सक्षम होते है। 

Enterprise Solutions – बड़े संगठनों या कंपनियों के विभिन्न प्रकार के आवश्यकताओं का समाधान करने के लिए टीसीएस एंटरप्राइज़ सोल्युशंस सेवा प्रदान करता है, यह सेवा एक ऑल इन वन टूल की तरह है, इसमें वित्त, ग्राहक संबंध प्रबंध, डेटा विश्लेषण, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन, कंटैंट मैनेजमेंट, बिज़नस इंटेलिजेंस, एंटरप्राइज़ रिसौर्स प्लानिंग इत्यादि जैसे कार्यों का प्रबंधन करने के लिए एक ही जगह कई सारे सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन उपलब्ध होते है, एक ही प्लेटफॉर्म में सारे एप्लिकेशनों का होने से कंपनियों के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेना, संगठित रहना और आगे बढ़ना आसान हो जाता है। 

इस सेवा से कंपनियों को अपने विभिन्न कार्य के लिए अलग-अलग टूल नहीं लेना पड़ता है, एक ही प्लेटफॉर्म पर व्यवसाय संचालन के सभी सुविधा मिलने से बड़े संगठनों का खर्चा और समय दोनों की बचत होती है,

TCS Interactive- टीसीएस इंटरैक्टिव सेवा, व्यवसायों को अपने ग्राहकों, कर्मचारियों और हितकारों से जुड़ने में मदद करने के लिए आकर्षक और व्यापक डिजिटल अनुभव बनाने में मदद करता है, इसमें टीसीएस वैबसाइट, मोबाइल ऐप, सोशल मीडिया अभियान, वर्चुअल रियलिटी (VR) एप्लिकेशन और बहुत कुछ को आकर्षक और लाभदायक बनाने के लिए नवीन टेक्नोलोजियों और रचनात्मक रणनीतियों का उपयोग करता है, इसमें टीसीएस उपयोगकर्ता अनुभव (UX), डिजिटल मार्केटिंग, सामग्री प्रबंधन, ग्राहक जुड़ाव और विश्लेषण जैसे कार्यों को सुधार करने में मदद करता है,

Blockchain – व्यक्तियों, संगठनों और उद्दमों की लेनदेन को सुरक्षित और विकेंद्रीकृत तरीके से रिकॉर्ड करने में मदद के लिए टीसीएस ब्लॉकचैन सेवाएँ देता है, ब्लॉकचैन तकनीक से आपूर्ति शृंखला प्रबंधन, डिजिटल पहचान सत्यापन, मतदान प्रणाली और बहुत कुछ क्षेत्रों की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और पारदर्शिता बनाने में आसानी होती है।

Sustainability – संगठनों और व्यवसायों की व्यवसाय को पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) विचारों के अनुकूल बनाने में मदद के लिए टीसीएस Sustainability सेवा प्रदान करता है, इन सेवा की मदद से संगठनों अपनी व्यवसाय से पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था पर पहुँचने वाले क्षति या नकारात्मक प्रभावों कम करने में सफल होते है।

TCS के प्रॉडक्ट और प्लेटफॉर्म-

टीसीएस के कुछ प्रमुख प्रोडक्टस और प्लेटफॉर्म इस प्रकार है-

  • TCS ADDTM यह जीवन विज्ञान उद्दोग के आधुनिक और खुले प्लेटफॉर्मों का एक एकीकृत, क्लाउड-रेडी, स्वयं सेवा समाधान प्लेटफॉर्म है, जो डिजिटल इकोसिस्टम को सक्षम करके डेटा जटिलता को सरल बनाता है, जिसके कारण दवाई बनाने वाली उद्दोग कम समय में जरूरतमन्द रोगियों के लिए नई और प्रभावी दवाओं और उपचारों का अनुसंधान कर पाता है। टीसीएस के इस प्लेटफॉर्म से जीवन विज्ञान उद्दोग कम से कम सेटअप, ट्रेनिंग और समय-सीमा के साथ अधिक चुस्त और सुरक्षित दवा का विकास कर पाता है, और बाजार में नई दवा को पेश करने का उसका लागत भी कम हो जाता है।   यह प्लैटफ़ार्म TCS डिवीजन द्वारा संचालित फेब्रिक, स्मार्ट एनालिटिक्स और IoT नामक संज्ञात्मक कृत्रिम बुद्धिमता को बेहतर व्ययसाय बनाने मे अहम योगदान प्रदान करता है।
  • TCS BaNCSTM  – यह बैंकों के लिए विकसित किया गया एक कोर बैंकिंग सॉफ्टवेयर सुइट है, जिसमें भुगतान, धन प्रबंधन, यूनिवर्सल बैंकिंग, कोर बैंकिंग, बीमा, विदेशी मुद्रा और मुद्रा बाजार, वित्तीय समावेशन, भंडार संचालन, इस्लामिक बैंकिंग और प्रतिभूति प्रसंस्करण के कार्यों को आसान और स्वचालित रूप पूरा किया जाता है,
  • TCS CHROMATM – यह एक क्लाउड-आधारित प्रतिभा प्रबंधन समाधान प्लेटफॉर्म है, जो संज्ञानात्मक बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग जैसे टेक्नोलोजियों की मदद से कर्मचारी अनुभव को बढ़ता है। इस प्लेटफॉर्म की उपयोग से कर्मचारी नियुक्ति, प्रशिक्षण, कर्मचारी लाभों का प्रबंधन, पेरोल संभालने, कर्मचारी रिकॉर्ड बनाए रखने, संघर्षों का समाधान करने में संगठनों को मदद मिलती है, जिससे सगठनों अपने कर्मचारियों को और अपनी सफलता में योगदान देने में सक्षम बनाते है।
  • TCS Customer Intelligence & InsightsTM – टीसीएस कस्टमर एंड इनसाइट्स, एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग जैसे बड़ी डेटा टेक्नोलोजियों का उपयोग करते हुए विभिन्न स्रोतों से बड़ी मात्रा में ग्राहकों के डेटा का विश्लेषण करता है। इस प्लेटफॉर्म के उपयोग से व्यक्तियों, संगठनो और उद्दमियों कों अपने ग्राहकों कों बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है, और ग्राहक डेटा का विश्लेषण करके ग्राहकों के रुझान, सार्थक पैटर्न, सह-संबंध और बाधाओं का पहचान कर निकालते है। ग्राहक डेटा की जानकारियों का उपयोग विपणन प्रयासों कों निजीकृत करने, ग्राहक सेवा में सुधार करने, उत्पाद पेशकशों कों अनुकूलित करने और समग्र ग्राहक अनुभव कों बढ़ाने के लिए किया जाता है। टीसीएस कस्टमर इंटेलिजेंस एंड इनसाइट्स व्यवसायों को डेटा-संचालित निर्णय लेने और ऐसी रणनीतियाँ बनाने में सक्षम बनाता है जो उनके ग्राहकों की प्राथमिकताओं और जरूरतों के अनुरूप होती है, जिससे ग्राहकों की संतुष्टि और वफादारी बढ़ती है।
  • TCS OMNISTORETM – टीसीएस ओमनीस्टोर एक डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, यह भंडारण प्रबंधन, ग्राहक संबद्ध प्रबंधन (CRM), ऑर्डर प्रबंधन, एनालिटिक्स और प्रॉडक्ट सूचना प्रबंधन (PIM) जैसे कार्यों के लिए खुदरा विक्रेताओं का एक एकीकृत प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफॉर्म ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह के खुदरा व्यवसायों को उनकी भंडारण स्तर को अनुकूलित करने, ऑर्डर को अधिक कुशलता से पूरा करने, व्यक्तिगत ऑफर और प्रचार के माध्यम से ग्राहकों के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने में सक्षम बनाता है। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग से खुदरा विक्रेता अपनी बिक्री, ग्राहकों की संतुष्टि और ब्रांड के प्रति वफादारी बढ़ा सकते है।  
  •  TCS OptumeraTM – यह एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग (ML) और आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस (AI) जैसे तकनीकों से विकसित एक खुदरा बिक्री अनुकूलन प्लेटफॉर्म है, इसका उपयोग से खुदरा विक्रेताओं ऐतिहासिक बिक्री डेटा, बाजार के रुझान, ग्राहक व्यवहार और प्रतिस्पर्धी जानकारी सहित बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करके डेटा संचालित निर्णय लेने, विक्री बढ़ाने, लागत कम करने और ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने में मदद मिलता है।
  • TCS MastercraftTM – यह सॉफ्टवेयर डेव्लपमेंट और डेलीवरी टूल का एक सूट है, जो एप्लिकेशन डेव्लपमेंट प्रक्रिया में तेजी लाने, सॉफ्टवेयर गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कोड जनरेशन, स्वचालित परीक्षण, कोड विश्लेषण जैसे सुविधाएं प्रदान करता है, यह प्रॉडक्ट विभिन्न उद्देश्यों से बनाए जाने वाले सॉफ्टवेयर विकास के विभिन्न चरणों को पूरा करने के लिए कई प्रकार का टूल और फ्रेमवर्क प्रदान करता है, जो डिज़ाइन, कोडिंग, परीक्षण और तैनाती में सहायता प्रदान करता है।  मास्टरक्राफ्ट के उपयोग से ग्राहक अपने सॉफ्टवेयर विकास के समय को कम करने, उच्च गुणवत्ता वाले सॉफ्टवेयर समाधान, त्रुटियों को कम करने और अधिक कुशलता से वितरित करने में सक्षम होते है।
  • QuartzTM The Smart LedgerTM – यह एक ब्लॉकचैन-आधारित समाधान प्लेटफॉर्म है, जो ब्लॉकचैन तकनीक से उद्दमों के लिए सुरक्षित और कुशल बही-खाता क्षमता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह प्लेटफॉर्म उद्दमों को वित्त, बैंकिंग, डिजिटल पहचान सत्यापन और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन सहित विभिन्न उद्दोगों के विभिन्न प्रकार के वित्तीय लेनदेन और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में सक्षम बनाता है। यह समाधान ब्लॉकचैन शक्ति का उपयोग करके स्मार्ट कांट्रैक्ट, क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा जैसे सुविधाएं प्रदान करता है, जो संगठनों को लेनदेन का एक अपरिवर्तनीय और पारदर्शी रिकॉर्ड बनाने, डेटा अखंडता सुनिश्चित करने और धोखाधड़ी या त्रुटियों के जोखिम को कम करने मदद मिलती है।
  • JileTM – यह टीसीएस का एक Agile DevOps प्लेटफॉर्म है, जो संगठनों के लिए Agile सॉफ्टवेयर डेव्लपमेंट और DevOps प्रैक्टिसों को सुविधाजनक बनाने और सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, आसान शब्दों में, यह प्लेटफॉर्म डेवलपर या टीमों की उनकी सॉफ्टवेयर विकास परियोजनाओं की योजना बनाने, ट्रैक करने, और कुशलतापूर्वक मैनेज करने के लिए एक सहयोगी वातावरण प्रदान करती है।
  • iONTM – यह छोटे और मध्यम आकार के उद्दमों (SMEs), शैक्षणिक संस्थाओं, सरकारी एंजेंसियों और अन्य संगठनों को टेक्नोलोजी समाधान और सेवाएँ प्रदान करने वाली टीसीएस की एक रणनीतिक इकाई है, यह प्लेटफॉर्म SMEs को वित्त, बिक्री, भंडारण, मानव संसाधन (HR) प्रबंधन और ग्राहक संबंधो सहित व्यवसाय संचालन के विभिन्न पहलुओं के प्रबंधन के लिए समाधान प्रदान करता है। iON शैक्षणिक संस्थानों को छात्र प्रबंधन, मूल्यांकन और परीक्षा, शिक्षण और विकास, कैम्पस भर्ती, डिजिटल शिक्षण जैसे बहुत कुछ क्षेत्रों क्लाउड-आधारित समाधानों की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करती है।
  • TCS Intelligent Urban ExchangeTM – यह डेटा और टेक्नोलोजी से शहरी चुनौतियों का समाधान करने और शहरों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की टीसीएस का एक प्लेटफॉर्म है। यह टीसीएस का एक पहल है, जो शहरों को उनके बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, लागत कम करने और निवासियों और विजिटर्स के लिए समस्त शहरी अनुभव को बढ़ाने में मदद प्रदान करने के लिए है, यह प्लेटफॉर्म इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), एनालिटिक्स, आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य डिजिटल टेक्नोलोजियों का उपयोग करके यातायात प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक सुरक्षा जैसे बहुत कुछ समाधान पेश करता है,
  • TCS ERP on Cloud – यह टीसीएस का क्लाउड-आधारित एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग (ERP) समाधान प्लेटफॉर्म है, यह संगठनों को मानव संसाधन, वित्त, आपूर्ति शृंखला, विनिर्माण और ग्राहक संबंध जैसे मुख्य व्यावसायिक प्रक्रियाओं को प्रबंधित और एकीकृत करने के लिए एप्लिकेशनों का एक व्यापक सूट प्रदान करता है, इसमें संगठन क्लाउड आधारित टेक्नोलोजी से इंटरनेट कनैक्शन के साथ कहीं से डेटा को वास्तविक समय में विभिन्न विभागों में एकत्र, संग्रहीत और एक्सेस कर सकता है। इस प्लेटफॉर्म के उपयोग से व्यवसायों अपनी संचालन को सुव्यवस्थित करने, कार्यक्षमता में सुधार करने और आईटी बुनियादी ढांचे की लागत को कम करने और तेजी से विकसित हो रहे व्यावसायिक दौड़ में प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिलती है।
  • TCS BFSI – यह बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्र के लिए टेक्नोलोजी समाधान प्लेटफॉर्म है, यह प्लेटफॉर्म बैंक, क्रेडिट यूनियन, बीमा कंपनियां, निवेश कंपनियाँ, और अन्य वित्तीय संस्थानों के धन प्रवाह को सुविधाजनक बनाने, जोखिमों का प्रबंधन और उपभोक्ताओं और व्यवसायों की जरूरतों को पूरा करने के लिए समाधान पेश करता है। टीसीएस बीएफ़एसआई प्लेटफॉर्म के उपयोग से व्यवसायों को कोर बैंकिंग सिस्टम, डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म, बीमा सॉफ्टवेयर, धन प्रबंधन प्लेटफॉर्म और जोखिम प्रबंधन जैसे समाधान मिलता है।
  • TCS Tap- यह टीसीएस का क्लाउड-आधारित रणनीतिक सोर्सिंग और खरीद प्रक्रिया समाधान प्लेटफॉर्म है, जो खरीदार, वित्त और विक्रेता संगठनों के अनुबंधन प्रबंधन, देय खातों, खरीद, आपूर्तिकर्ता प्रबंधन जैसे कार्यों को सुव्यवस्थित, स्वचालित और अनुकूलित करता है।

TCS के सेवा क्षेत्र-

TCS लगभग सभी प्रकार के उद्दोगों को अपनी सेवाएँ प्रदान करता है, उनमें से कुछ इस प्रकार है-

  • Banking and Financial service (बैंकिंग और वित्तीय सेवा उद्दोग)
  • Capital Market (पूंजी बाजार उद्दोग)
  • Consumer Goods and Distribution (उपभोकता वस्तुएं और वितरण उद्दोग) –
  • Communication, Media and Information Services (संचार, मीडिया और जानकारी सेवा उद्दोग)
  • Education (शिक्षा उद्दोग)
  • Energy, Resource and Utilities (ऊर्जा, संसाधन और यूटिलिटी उद्दोग)
  • Healthcare (स्वास्थ्य देखभाल उद्दोग)
  • High Tech (उच्च तकनीक उद्दोग)
  • Insurance (बीमा उद्दोग)
  • Life Sciences (जीव विज्ञान उद्दोग)
  • Manufacturing (विनिर्माण उद्दोग)
  • Public Services (सार्वजनिक सेवा उद्दोग)
  • Retail (खुदरा उद्दोग)
  • Travel and Logistics (यात्रा और रसद उद्दोग) इत्यादि…..

TCS के सहायक कंपनी-

TATA Research Development and Design Centre

टाटा रिसर्च डेव्लपमेंट एंड डिज़ाइन सेंटर, TCS का एक सहायक कंपनी है, वर्ष 1981 में टीसीएस ने पुणे शहर में इस रिसर्च सेंटर की स्थापना की थी, TRDDC भारत का पहला सॉफ्टवेयर रिसर्च सेंटर है, यह सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, मशीन लर्निंग, प्रोसेस इंजीनियरिंग, आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस डिसिजन सपोर्ट, फॉर्मल मेथड, लैड्ग्वेज प्रोसेसिंग और सिस्टम रिसर्च सहित बहुत कुछ में अनुसंधान करता है,

TRDDC, टीसीएस और बड़े संगठनों के लिए समाधान प्रदान करता है, इस कंपनी का प्रोसेस इंजीनियरिंग समूह स्टील और मोटर वाहन उद्दोग सेक्टरों के लिए इंडस्ट्रियल इकाई संचालन के मॉडलिंग और अनुकूलन पर ध्यान केन्द्रित करता है।  

स्वचालित रूप से साधारण कम्प्युटर भाषा से कोड बना सकने और उपयोगकर्ताओं की जरूरतों के आधार पर कोड को फिर से लिख सकने के लिए, TRDDC के शोधकर्ताओं ने आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर आधारित TCS Code Generator Framework को विकसित किया, जिसे पूर्व में मास्टरक्राफ्ट कहा जाता था,

इस कंपनी के शोध के कुछ परिणामों से एक कम लागत वाला पानी साफ करनेवाला ‘स्वछ’ भी है, जिसे पहले ‘सुजल’ के नाम से विकसित किया गया था, यह कम खर्च में उपलब्ध होनेवाला जल शोधक है, 2004 की हिन्द महासागर सुनामी आपदा के दौरान मुख्य कंपनी टीसीएस ने अपनी राहत गतिविधि में हजारों की तादाद में इन फिल्टरों को तैनात किया था,      

TRDDC का मुख्यालय-

31 दिसंबर 2023 के अनुसार टीसीएस के सहायक कंपनियों की सूची –

TCS द्वारा अधिग्रहण की गई कंपनियाँ- 

नीचे दिये गए सारे कंपनी कंपनियों को टीसीएस ने अपने हित के लिए उस पर अधिग्रहण कर लिया है, ये कंपनियाँ अब टीसीएस के लिए काम कर रहा है या टीसीएस में विलय हो गया है, टीसीएस द्वारा अधिग्रहण की गई कुछ प्रमुख कंपनी इस प्रकार है-

TCS के कार्यालय और विकास केंद्र –

टीसीएस का परिचालन सितंबर 2023 तक 55 देशों से हो रही थी, उनमें से कुछ देश और शहर इस प्रकार है:-

भारत-

अहमदाबाद, बेंगलुरु, बड़ोदा, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गांधीनगर, गोवा, गुरुग्राम, गुवाहाटी, हैदराबाद, भोपाल, इंदौर, जमशेदपुर, कल्याण, ठाणे, कोची, कोलकाता, लखनऊ, न्यू दिल्ली, मुंबई, नागपुर, नोएडा, नाशिक, पटना, पुणे, थिरुवानाथपुरम, और वाराणसी

एशिया-

बहरीन, चाइना, इस्राइल, यूएई, हाँग काँग, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, फिलीपींस, सऊदी अरबिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थायलैंड, और कतर

ओशिनिया-

ऑस्ट्रेलिया

अफ्रीका-

दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को

 यूरोप-

बेल्जियम, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ़िनलैंड, फ़्रांस, जर्मनी, हंगरी, आइसलैंड, आयरलैंड गणराज्य, इटली, लक्ज़म्बर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका  

 उत्तर अमेरिका-

 कनाडा, मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका  

 दक्षिण अमेरिका-

 अर्जेन्टीना, ब्राज़ील, चिली, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरु और उरुग्वे

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